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तेरा दिन ढल गया रात हो गई है दिया बुझ गया रोशनी खो

तेरा दिन ढल गया रात हो गई है
दिया बुझ गया रोशनी खो गई है
अब तो जाग भी जा न मुसाफ़िर,
अब तो तेरी उम्र जाने की हो गई है
क्या लाया,क्या छोड़कर जा रहा है
क्यो ये बहस तेरे खुद से हो रही है
दिल से विजय जाग जा
तेरा दिन ढल गया रात हो गई है
दिया बुझ गया रोशनी खो गई है
अब तो जाग भी जा न मुसाफ़िर,
अब तो तेरी उम्र जाने की हो गई है
क्या लाया,क्या छोड़कर जा रहा है
क्यो ये बहस तेरे खुद से हो रही है
दिल से विजय जाग जा