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वलय में काँच के अंदर छलकती जाम सी आँखें, चमकती धूप

वलय में काँच के अंदर छलकती जाम सी आँखें,
चमकती धूप में भी ले रही थी सर्द सी साँसें।
समझता रह गया मैं बैठ कर पीछे की कुर्सी पर,
बनावट रूप की देखें या उसकी रूह में झाँकें।

--निखिल की कलम से। #LOVE_SHAYREE_NOJOTO
वलय में काँच के अंदर छलकती जाम सी आँखें,
चमकती धूप में भी ले रही थी सर्द सी साँसें।
समझता रह गया मैं बैठ कर पीछे की कुर्सी पर,
बनावट रूप की देखें या उसकी रूह में झाँकें।

--निखिल की कलम से। #LOVE_SHAYREE_NOJOTO
nikhilkumar6445

Nikhil Kumar

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