सुना है तुम बादल हाे धरती की बेचैनी काे समझते हाे अगर वाे प्यासी है तेरे प्यार काे बेकरार तुम भी ताे रहते हाे वाे तपती है तेरे इंन्तजार मे उमड़ते धुमड़ते तुम भी ताे रहते हाे ताे फिर ये मजबूरी क्याे है दिलाें मे इतनी दूरी क्याे है सारे बंधन काे ताेड़ कर बरस जाओ न सराबाेर कर दाे अपने प्यार मे अपने ही रंग मे रंग दाे न। इस ज़मीन से लेकर दिल की ज़मीन तक, सब ओर सूखा पड़ा है। वो चाहे आसमानी बारिश हो या प्यार की बारिश। हर किसी को बारिश का इंतज़ार है। #बारिशकाइंतज़ार #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi