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मेरी कविताएँ होती हैं निराली, समझता है वही,जिसकी

मेरी कविताएँ होती हैं निराली, 
समझता है वही,जिसकी बुद्धि हो तीक्ष्ण वाली।
गौर फरमाना हर पंक्तियों में ,शिक्षा मिलेगी अपार। 
मिलेगा ज्ञान कूट-कूट कर,करने लगोगे हमसे प्यार।।  चौपाई जैसा कि शब्द से विदित है। इसमें चार चरण होते हैं। यह एक सम मात्रिक छन्द है। प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं। हर दो-दो पंक्तियों में समान तुक होगा।  

चौपाई में लय का विशेष ध्यान रखना है। साधारण शब्दों में कहें तो इसकी ताल 
धिन धिन - धिन धिन... धिन धिन - धिन धिन
लय का यह पैटर्न बना रहना चाहिए। 

एक उदाहरण:
जीवन को अपनाना सीखो
मेरी कविताएँ होती हैं निराली, 
समझता है वही,जिसकी बुद्धि हो तीक्ष्ण वाली।
गौर फरमाना हर पंक्तियों में ,शिक्षा मिलेगी अपार। 
मिलेगा ज्ञान कूट-कूट कर,करने लगोगे हमसे प्यार।।  चौपाई जैसा कि शब्द से विदित है। इसमें चार चरण होते हैं। यह एक सम मात्रिक छन्द है। प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं। हर दो-दो पंक्तियों में समान तुक होगा।  

चौपाई में लय का विशेष ध्यान रखना है। साधारण शब्दों में कहें तो इसकी ताल 
धिन धिन - धिन धिन... धिन धिन - धिन धिन
लय का यह पैटर्न बना रहना चाहिए। 

एक उदाहरण:
जीवन को अपनाना सीखो
ashagiri4131

Asha Giri

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