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फटे नोट को किसी दुकानदार को देते वक़्त दिल और दि

फटे नोट को किसी 
दुकानदार को देते वक़्त 
दिल और दिमाग मे ये डर 
रहता हे कि वो इस नोट को 
देख ना ले 
बस यही डर अपने दिल
और दिमाग मे उस वक़्त आता हें 
जब हम किसी के साथ कुछ गलत करते हें
इसलिए किसी के साथ कुछ भी 
गलत करने से अच्छा हे 
सच बोल कर  खुद को 
सही साबित करदो 
क्योंकि जब किसी का भरोसा टूटता हे 
तो फिर कुछ भी जुड़ने लायक 
नहीं रहता 
ना रीत ना रिवाज 
ना कोई रिश्ता ना रिश्तेदारी

©Dhiraj Kumar #Stars
फटे नोट को किसी 
दुकानदार को देते वक़्त 
दिल और दिमाग मे ये डर 
रहता हे कि वो इस नोट को 
देख ना ले 
बस यही डर अपने दिल
और दिमाग मे उस वक़्त आता हें 
जब हम किसी के साथ कुछ गलत करते हें
इसलिए किसी के साथ कुछ भी 
गलत करने से अच्छा हे 
सच बोल कर  खुद को 
सही साबित करदो 
क्योंकि जब किसी का भरोसा टूटता हे 
तो फिर कुछ भी जुड़ने लायक 
नहीं रहता 
ना रीत ना रिवाज 
ना कोई रिश्ता ना रिश्तेदारी

©Dhiraj Kumar #Stars