बात जो थी वो कुछ ऐसी थी, की एक दिन का वादा ना था, जो एक दिन में निभाना ना था, सब्र से तिश्लगी जो की थी, बिना सब्र के दिल लगी जो की थी, था प्यार हम दोनो को मालूम था, एक को निभानी जो थी, और एक को भुलानी ना थी, कटी है ता उम्र इस जदोजहत में "काफिर" ये ब-दस्तूर इस जन्म की शायद कहानी ना थी #love #remain #forever #memories #blurs