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याद रहेगी ये रात और याद रहेगा ये दिन जब सफ़र कर र

याद रहेगी ये रात और याद रहेगा ये दिन 
जब सफ़र कर रहा हूँ मैं घरवालों के बिन
आज संघर्ष-ए-सफ़र का आगाज़ किया हैं मैंने 
ख़ुद के सवालों का जवाब ख़ुद ही दिया हैं मैंने 

जिस शहर ने मुझे ठुकराया था
जिसने मेरी किस्मत को आजमाया था 
जा रहा हूँ अब फिर से उसी शहर में 
ख़ुद को डुबोने अपने सपनों की लहर में 
   
ना जाने ये हिज्र की रात कैसे कटेगी 
क्या ख़ुदा की तरफ से मेरे हिस्से में भी खैरात बँटेगी 
बस्स इसी सवाल का जवाब ढूंढ़ना हैं 
हाँ मुझे तो अपने सपनों के पंख लिए उड़ना हैं #nojoto
#हिज्र_की_रात
#दिल_ki_बातें
याद रहेगी ये रात और याद रहेगा ये दिन 
जब सफ़र कर रहा हूँ मैं घरवालों के बिन
आज संघर्ष-ए-सफ़र का आगाज़ किया हैं मैंने 
ख़ुद के सवालों का जवाब ख़ुद ही दिया हैं मैंने 

जिस शहर ने मुझे ठुकराया था
जिसने मेरी किस्मत को आजमाया था 
जा रहा हूँ अब फिर से उसी शहर में 
ख़ुद को डुबोने अपने सपनों की लहर में 
   
ना जाने ये हिज्र की रात कैसे कटेगी 
क्या ख़ुदा की तरफ से मेरे हिस्से में भी खैरात बँटेगी 
बस्स इसी सवाल का जवाब ढूंढ़ना हैं 
हाँ मुझे तो अपने सपनों के पंख लिए उड़ना हैं #nojoto
#हिज्र_की_रात
#दिल_ki_बातें