महफ़ूज़ है आज भी मेरे पास तेरी वो रज़ाई, जो ओढ़ लेती

महफ़ूज़ है आज भी मेरे पास तेरी वो रज़ाई,
जो ओढ़ लेती है मुझे मेरे हरारत के दौरान।

तेरी यादों की गर्माहट जो बसी है आज भी उसमे
भले तू ना हो आज, तेरी दुआएं आज भी उसी में है मेहरबान।

 #रज़ाई #mehfuz #महफूज़ #दुआएं #हरारत
महफ़ूज़ है आज भी मेरे पास तेरी वो रज़ाई,
जो ओढ़ लेती है मुझे मेरे हरारत के दौरान।

तेरी यादों की गर्माहट जो बसी है आज भी उसमे
भले तू ना हो आज, तेरी दुआएं आज भी उसी में है मेहरबान।

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