यहां वहा-जहां तहां,मैं ने ढूंढा है तुम्हे हर गली-हर वो जगह! तुम जानिया वे हो कहां,मिलते नहीं,तुम हो कहां-तुम हो कहां!! मैं तेरे इश्क में डूबा हू इस कदर,झुमा हूं मैं इश्क में शामो-शहर! तुम फिर क्यों नहीं मेरे दिल को,तुम हो कहां-तुम हो कहां!! ये जो दिल में बसी तेरी चाह है,सनम रे वो रे इस तरह वेपनाह है! तेरे लिए तकता हूं राह को रात भर,तुम हो कहां-तुम हो कहां!! तुम मेरे इश्क हो-तुम मेरे इश्क हो,मैं तुम्हें चाहत हूं बेबाक होकर! तेरे लिए तेरे चाह में हूं बेताब होकर,तुम हो कहां-तुम हो कहां!! तू आ भी तो जा,पास आ तो जरा,तेरे लिए चाहतें लिए हूं गुलाब सा! इमान से तू अब तो मान ले आ भी जा,तुम हो कहां-तुम हो कहां!! करलो तो इश्क मुझसे यू पास आकर,सांसों मे समा भी जा दिलरुबा! मैं तेरे इश्क में हूं तू अब तो मान ले,तुम हो कहां-तुम हो कहां!! तू मान भी ले मैं तेरे लिए हूं तेरा हूं,तू मेरे सांसों में घुली-घुली है! मैं तेरा हूं तेरे लिए हूं तेरे शहर में हूं,तुम हो कहां-तुम हो कहां!! यहां वहां-जहां तहां रोहित तिवारी ।