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हरी हरी वसुंधरा पे नीला नीला ये गगन के जिसके बादलो

हरी हरी वसुंधरा पे नीला नीला ये गगन
के जिसके बादलोकी पालखी उडा रहा पवन
दिशाये देखो रंगभरी चमक रही उमंग भरी
ये किस्ने फुल फुल पे कीया शृंगार है
ये कौन चित्रकार आहे ये कौन चित्रकार है


विकल्प डोंगरे शब्द काही तुझे काही माझे
हरी हरी वसुंधरा पे नीला नीला ये गगन
के जिसके बादलोकी पालखी उडा रहा पवन
दिशाये देखो रंगभरी चमक रही उमंग भरी
ये किस्ने फुल फुल पे कीया शृंगार है
ये कौन चित्रकार आहे ये कौन चित्रकार है


विकल्प डोंगरे शब्द काही तुझे काही माझे

शब्द काही तुझे काही माझे