प्रेम डगर पर चलने वाले अक्सर तन्हा होते हैं हँसकर बातें करे सब से पर एकांत में बैठ के रोते हैं उनकी दुनिया सबसे अलग है स्वार्थ नहीं उनके मन में होंठों पर मुस्कान बिखेरे चाहे लाख सितम हो जीवन में पल पल ख़्वाबों ख्यालों की दुनिया में खोये रहते हैं ख़ुशी तो सबसे बाँटते हैं पर दर्द किसी से न कहते हैं अपने मन के भावों को गीतों में सदा जो पिरोते हैं प्रेम डगर पर चलने वाले अक्सर तन्हा होते हैं । ©Rajnish Jha #MorningTea #rjpoetry #Love