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एक मुद्दत से दबी थी जो दिल में बाते.. तु लाख चाह क

एक मुद्दत से दबी थी जो दिल में बाते..
तु लाख चाह के भी कह ना सकी..
कुछ कम न रोई होगी तू उन रातों में..
आज भी बिलकुल तू सो ना सकी..
दर्द गहरे रहेंगे होंगे अपनो के मगर..
चुप चाप होकर तु सहम सी गई..
दिन रात करते थे जो बेइजत तूझे...
आज उनकी इज्जत के लिए तू चुप रह गई.. #sacchi_baate
एक मुद्दत से दबी थी जो दिल में बाते..
तु लाख चाह के भी कह ना सकी..
कुछ कम न रोई होगी तू उन रातों में..
आज भी बिलकुल तू सो ना सकी..
दर्द गहरे रहेंगे होंगे अपनो के मगर..
चुप चाप होकर तु सहम सी गई..
दिन रात करते थे जो बेइजत तूझे...
आज उनकी इज्जत के लिए तू चुप रह गई.. #sacchi_baate
parthjain2784

Parth Jain

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