रूह रूह से रूह को मिलाना चाहता हूँ मै तुझमे तुम होकर बस जाना चाहता हूँ जब भी देखता हूँ खुद को आइने मे अक्स अपना मिटाना चाहता हूँ ये जो सागर बह रहा है नफरतों का जँहा मे इससे निकल कर तेरी खुदी मे डूब जाना चाहता हूँ उल्फत की भी हद हो गई है अब हर रिश्ते से छूट जाना चाहता हूँ ऐ मेरे खुदा मेरे मालिक तेरी इनयात हो तो मै तुझमे घुल जाना चाहता हूँ...... #अंजान..... #अंजान.... #मेरी_डायरी.... #nojoto...