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पिता सिनेमाघर या थिएटर में जैसा एक बैकग्राउंड आर्ट

पिता सिनेमाघर या थिएटर में जैसा एक बैकग्राउंड आर्टिस्ट होता है
वैसा ही एक घर एक परिवार में जो शक्स होता है 
*वो पिता होता है*
परदे के अकसर पीछे रहना ही पसन्द वो करता है
और खुद का दुख खुद तक रहे ये जतन जो हर पल करता है
*वो पिता होता है*
जो सामने खुलकर भी नहीं खुलता और 
तुम्हारे लिए टूट कर भी नहीं बिखरता बस किसी तरह सिमटा रहता है
*वो पिता होता है*
जो अपना प्यार माँ के रास्ते या किसी तीसरे के वास्ते तुमपर लुटा 
मन ही मन तुम्हारे प्यार के लिए है तरसता है
*वो पिता होता है*
जो तुमको हर उस जगह है जिताता जहाँ वो खुद कभी हारा होता है 
और जो डांट कर तुझको फिर खुद को है कोसता है
*वो पिता होता है*
वो करता 100 है पर उसका दिखता सिर्फ शायद 10 है
इसलिए तो कहता हूँ सिनेमा में जैसा एक बैकग्राउंड आर्टिस्ट होता है
वैसा ही एक घर एक परिवार में जो शक्स होता है
*वो पिता होता है* #fathersday #papailoveu
पिता सिनेमाघर या थिएटर में जैसा एक बैकग्राउंड आर्टिस्ट होता है
वैसा ही एक घर एक परिवार में जो शक्स होता है 
*वो पिता होता है*
परदे के अकसर पीछे रहना ही पसन्द वो करता है
और खुद का दुख खुद तक रहे ये जतन जो हर पल करता है
*वो पिता होता है*
जो सामने खुलकर भी नहीं खुलता और 
तुम्हारे लिए टूट कर भी नहीं बिखरता बस किसी तरह सिमटा रहता है
*वो पिता होता है*
जो अपना प्यार माँ के रास्ते या किसी तीसरे के वास्ते तुमपर लुटा 
मन ही मन तुम्हारे प्यार के लिए है तरसता है
*वो पिता होता है*
जो तुमको हर उस जगह है जिताता जहाँ वो खुद कभी हारा होता है 
और जो डांट कर तुझको फिर खुद को है कोसता है
*वो पिता होता है*
वो करता 100 है पर उसका दिखता सिर्फ शायद 10 है
इसलिए तो कहता हूँ सिनेमा में जैसा एक बैकग्राउंड आर्टिस्ट होता है
वैसा ही एक घर एक परिवार में जो शक्स होता है
*वो पिता होता है* #fathersday #papailoveu