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पत्थर के फूल चिराग उम्मीदों के जलते देखा, सूखे वृक

पत्थर के फूल
चिराग उम्मीदों के जलते देखा,
सूखे वृक्षों को भी फलते देखा।
उम्मीदों के साये मे ही लाखो दफ़ा,
पत्थर के फूल भी खिलते देखा।।
होती है इतनी शक्ति अन्तर्मन में,
टूटे हुये पैरों को चलते देखा।।
खिली पाषण प्रसून भेद अवनि,
उजड़ी अमराई को फलते देखा।।
धैर्य सहनशील की परीक्षा लिए,
अर्धरात्रि में सूर्य निकलते देखा।।
होती है दुश्मनी का परिणाम ऐसा,
क्रोध में जल को भी जलते देखा।।
-चन्द्रेश चंद्राकर"पथिक पत्थर के फूल Bobby Verma Manish Verma Ravikesh Maurya Krishan Sangar Nirav Lashkari
पत्थर के फूल
चिराग उम्मीदों के जलते देखा,
सूखे वृक्षों को भी फलते देखा।
उम्मीदों के साये मे ही लाखो दफ़ा,
पत्थर के फूल भी खिलते देखा।।
होती है इतनी शक्ति अन्तर्मन में,
टूटे हुये पैरों को चलते देखा।।
खिली पाषण प्रसून भेद अवनि,
उजड़ी अमराई को फलते देखा।।
धैर्य सहनशील की परीक्षा लिए,
अर्धरात्रि में सूर्य निकलते देखा।।
होती है दुश्मनी का परिणाम ऐसा,
क्रोध में जल को भी जलते देखा।।
-चन्द्रेश चंद्राकर"पथिक पत्थर के फूल Bobby Verma Manish Verma Ravikesh Maurya Krishan Sangar Nirav Lashkari