शनै शनै ही सही ************** शनै शनै ही सही मौन पथ पर चल पड़ा कदमों का शोर संग है स्याह अंधेरा ढल पड़ा, डगमगाया खूब हूँ, लड़खड़ाया भी यँहा हौसलों में जान ले फड़फड़ाया भी यँहा, चिंगारियां उठती रही बेजार उस बबूल में कांटे जले,धुआं उठा चलता रहा मशगूल मैं रुका ही कब? झुका नहीं सहमा जरा टूटा नहीं कदम दर कदम सही जोश ये बढ़ता रहा क्या फिकर कि शोर सब हाथ जो मलता रहा, जो छूटा,भूल कर नव नजारा ढूंढने धुंध को ही पी गया मैं आसमां को चूमने पग मेरे,रुके नही अथक चाल है मेरा दूरियां अनंत है क्षितिज लाल है मेरा चलना है,अभी दूर तक नत से अनन्त तलक उदित सूर्य मैं बनूँ मिले मुझे, नया फलक। दिलीप कुमार खाँ"""अनपढ़"" #चल पड़ा #अल्फ़ाज़ #हिंदी#हिंदीशायरी #थॉट्स