इंतज़ार की घड़ियाँ (अनुशीर्षक में पढ़ें) इंतज़ार की घड़ियाँ दिल में मचलते और करवटें लेते जज़्बात, दिल में छुपी पर लबों से ना निकलती वो बात जिसने चुराई उसकी रातों की नींद, खुली आँखों से भी नित देखती है वो ख़्वाब उसकी मुस्कान में कई राज़ हैं छिपे,