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मोहब्बत की है तुमसे नुमाइश नहीं की है, तुम्हारे अल

मोहब्बत की है तुमसे नुमाइश नहीं की है,
तुम्हारे अलावा किसी की ख्वाइश नहीं की है।
जब भी हाथ उठाया, दुआवों में बस तुमको ही मांगा,
बाकी खुदा से कुछ भी गुज़ारिश नहीं की है।

जानती नहीं हो तुम हाल ए दिल मेरा,
जीना हो रहा है अब तो मुश्किल मेरा।

धड़कनों को भी तुम्हारी जरूरत है,
तुम्हारे सिवा किसी की सिफारिश नहीं की हैं।

मोहब्बत की है तुमसे नुमाइश नहीं की है।

©Aarzoo smriti
  #नुमाइश नहीं की है

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