जिन्दगी एक तवाईफ की तरह है जिसमें र्दर्द खामोशिया तन्हाईयँय छुपी हुई पर किसी को नजर नहीं आती वो हर रोज किसी महफिल में जलील होती है जिन्दगी का ये पहलू है जो रोज सुबह की तरह शुरु होती है और रात की गहराईयों में कब खो जाती है इसका पता आज तक नहीं चला --------NJ Zalil