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जब मुख पर ज़िक्र गांधी का होगा, बहती रगों में, ख़ून

जब मुख पर ज़िक्र गांधी का होगा,
बहती रगों में, ख़ून की आंधी होगी,
जब लटें सवांरती एक सुकन्या, फ़िर करीब से जाती होगी,
फिर चूल्हे पर रख आज़ादी के गीत हम चुप रह जाएंगे,
और आज़ादी की आग को, गंगा में बहा के आएंगे...

ये आक्रोश क्यों दो दिन का, क्या चाहते हो बता दो मंशा,
दर्शाना ही प्रबल नहीं है, कर्तव्य करो, और बजा दो डंका,
ये खेल अभी कुछ थमा नहीं, दो दिन का ही जशन कुछ जमा नहीं,
हाथ में झंडे, हर हर गंगे, फिर दौड़ शहर में गाके वन्दे,
हम फ़िर चुप रह जाएंगे,
फ़िर धूल चढ़ी उस तांड पे से झंडे को उठाएंगे....!!!!

full poetry in caption 👇👇🙂 झंडे
#RDV18 #Nojoto

Full poetry.....👇👇

अब आज़ादी को देखो, फ़िरसे हम सब गाएंगे,
फ़िर धूल चढ़ी उस तांड पे से, झंडे को उठाएंगे,
और लगा के झंडा, डंडो में, हम राष्ट्रगान को गाएंगे,
जब मुख पर ज़िक्र गांधी का होगा,
बहती रगों में, ख़ून की आंधी होगी,
जब लटें सवांरती एक सुकन्या, फ़िर करीब से जाती होगी,
फिर चूल्हे पर रख आज़ादी के गीत हम चुप रह जाएंगे,
और आज़ादी की आग को, गंगा में बहा के आएंगे...

ये आक्रोश क्यों दो दिन का, क्या चाहते हो बता दो मंशा,
दर्शाना ही प्रबल नहीं है, कर्तव्य करो, और बजा दो डंका,
ये खेल अभी कुछ थमा नहीं, दो दिन का ही जशन कुछ जमा नहीं,
हाथ में झंडे, हर हर गंगे, फिर दौड़ शहर में गाके वन्दे,
हम फ़िर चुप रह जाएंगे,
फ़िर धूल चढ़ी उस तांड पे से झंडे को उठाएंगे....!!!!

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अब आज़ादी को देखो, फ़िरसे हम सब गाएंगे,
फ़िर धूल चढ़ी उस तांड पे से, झंडे को उठाएंगे,
और लगा के झंडा, डंडो में, हम राष्ट्रगान को गाएंगे,
shivamnahar5045

Shivam Nahar

Bronze Star
Growing Creator