सभी सुनते हैं अल्फाज़ मेरे नहीं होता दर्द किसी को रिवाज बदल गया है आंसू बहाने का लोग बस मोका ढूंढते हैं किसी का मज़ाक उड़ानें का ,,,,,,,,,,,,,,,,, सुरेन्द्र लोहोट 18/03/2022 ©surender kumar