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मैं जानता हूँ? जितनी कमाई है उतनी तबाही है दिन प

मैं जानता हूँ? 
जितनी कमाई है उतनी तबाही है 
दिन प्रतिदिन बढती जो मंहगाई है 
तबाही है.. तबाही है.. तबाही है 
मैं जानता हूँ? 
कुछ ऐसे भी लोग निद की गोली खातें हैं 
कुछ ऐसे भी है जिन्हें नींद सताते हैं
अब सड़कों भीड़ जो बढाई है 
तबाही है.. तबाही है.. तबाही है 
मैं जानता हूँ? 
इण्डिया जहां सारा चीज पाया जाता है 
फिर भी कैसे देश पीछे रह जाता है 
क्योंकि नेताजी का जहां भलाई है 
तबाही है..तबाही है.. तबाही है 
मैं जानता हूँ? तबाही है.. तबाही है.. तबाही है
मैं जानता हूँ? 
जितनी कमाई है उतनी तबाही है 
दिन प्रतिदिन बढती जो मंहगाई है 
तबाही है.. तबाही है.. तबाही है 
मैं जानता हूँ? 
कुछ ऐसे भी लोग निद की गोली खातें हैं 
कुछ ऐसे भी है जिन्हें नींद सताते हैं
अब सड़कों भीड़ जो बढाई है 
तबाही है.. तबाही है.. तबाही है 
मैं जानता हूँ? 
इण्डिया जहां सारा चीज पाया जाता है 
फिर भी कैसे देश पीछे रह जाता है 
क्योंकि नेताजी का जहां भलाई है 
तबाही है..तबाही है.. तबाही है 
मैं जानता हूँ? तबाही है.. तबाही है.. तबाही है