जब चारों ओर से ही मुसीबतों ने हमको घेरा हुआ था, जब चारों ओर से ही जीवन में गमों का डेरा लगा था। सारे अपनों ने हमसे बेगानों के जैसे मुंँह मोड़ लिया था, राह नहीं दिखती थी कोई अंधेरों ने हमको घेर लिया था। वो थपकी प्यार की देकर तुमने मेरा हौसला बढ़ाया था, कर नहीं सकता था कोई भी कुछ भी तुमने समझाया था। गमों के तिमिर से निकालकर तुमने उजाला फैलाया था, भूल नहीं सकते अनजान होकर भी तुमने हाथ बढ़ाया था। मुश्किल के उन दिनों में तुमने ही मुझे हँसना सिखाया था, भुलाकर सारी बीती बातों को तुमने मुझे जीना सिखाया था। ताउम्र तेरे इस प्यार के लिए शुक्रगुजार रहेगा ये मेरा दिल, सारे जमाने से लड़कर मुझे अपनाया जीवन साथी बनाया था। ♥️ Challenge-548 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।