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खुशियों का ठौर,कहां हम ढूंढे मंजिलें मुझसे,नार





खुशियों का ठौर,कहां हम ढूंढे
मंजिलें मुझसे,नाराज़ सी क्यूं है

जो मिला है,उसकी परवाह कहां है
जो नहीं है,उसकी तालाश सी क्यूं है

हर चेहरे के पीछे,छिपा एक चेहरा है
झूठ में सच की,आस सी क्यूं है

बाहर उजाला,दिलों में अंधेरा है
उम्मीदें इतनी,हताश सी क्यूं हैं...
© abhishek trehan



 🎀 Challenge-352 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 2 पंक्तियों अथवा 20 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।




खुशियों का ठौर,कहां हम ढूंढे
मंजिलें मुझसे,नाराज़ सी क्यूं है

जो मिला है,उसकी परवाह कहां है
जो नहीं है,उसकी तालाश सी क्यूं है

हर चेहरे के पीछे,छिपा एक चेहरा है
झूठ में सच की,आस सी क्यूं है

बाहर उजाला,दिलों में अंधेरा है
उम्मीदें इतनी,हताश सी क्यूं हैं...
© abhishek trehan



 🎀 Challenge-352 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 2 पंक्तियों अथवा 20 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।

🎀 Challenge-352 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 2 पंक्तियों अथवा 20 शब्दों में अपनी रचना लिखिए। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #ख़ुशियाँ #कोराकाग़ज़ #manawoawaratha