हम तुम वे सब मुसाफिर हैं , जिंदगी के रास्ते पर चले जा रहे हैं। यह राह भी एक दिन रुकेगी, दिल की तड़प क्या बुझेगी? इच्छाओं का कहां अंत, इच्छाओं को भूलने की तू कोशिश कर, यह जिंदगी है जिंदगी जी मजे से जिंदगी भर । ©Ganesh Din Pal #अहा जिंदगी