सुना है.. एक लड़की ने आत्महत्या कर ली देह और आत्मा को अलग कर दिया उसके नाखूनों मे थे सूखे खुरचन शायद कल यादों की दीवार खरोंचे थे दोनों आँखों से खून रिस रहा था सारे ख्वाबों का खून जो किया था उसकी पीठ पर कई नीले निशान थे भविष्य ने उसे तोहफे मे दिया था हथेलियों और तलवे पर ज़ख्म था जिसपर मक्खियाँ मंडरा रही थी अनकही चीखें गले से चिमटी थी ख़ामोशी चुपचाप गला रेत रही थी गाल पर भी जम गयी थी काई सारे आँसू के हमेशा जमे रहने से दिल सड़ कर काला पड़ गया था प्रेम होंठों पर सहमा सुबक रहा था विरह एक ऐसा शापित युग है जिसका अंत देहांत के बाद ही होता है शापित प्रेम