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गौसे आजम के बचपन के बचपन का वाकया हजरत ए गौसे आजम

गौसे आजम के बचपन के बचपन का वाकया  हजरत ए गौसे आजम अपने बगीचे में खेल रहे थे हजरत उस्मान भी खेल रहे थे उनके साथ और भी बच्चे खेल रहे थे तभी एक उसी इलाके की एक औरत औरत रोती हुई जिधर खेल रहे थे उधर  आ रही थी अभी तक उस्मान ने उस और उससे पूछा तुम क्यों रो रही हो औरत कहती है कि मेरे बच्चे का इंतकाल हो गया मैं मैंने मैंने सुन सुना की है उसे अब्दुल कादिर जिलानी मरे हुए मुर्दे को जिंदा कर देते हैं तो हमने सोचा कि मेरे बच्चे को भी जिंदा कर देंगे तभी हम उनके पास जा रही हूं हजरत ए उस्मान ने कहा उस औरत से हजरत ए अब्दुल कादिर जिलानी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि देखो वह बच्चे जो खेल रहे हैं उनके साथी वह बच्चा भी खेल रहा है  जब  वह बच्चा कहेगा सब बच्चे मर जाऊं तो सभी बच्चे मर जाएंगे और जब कहते हैं सब अच्छे उठ जाओ तो सब बच्चे उठ जाते  जाकर उसी के पास अपने बच्चे को वहीं पर लिटा देना  और जब वह कहेंगे सब बच्चे मर  जाओ तो  तो तभी उनके पास बच्चों के साथ अपने बच्चों को भी लेटा देना जब वह कहेंगे सब लोग उठ जाओ तो उन बच्चों के साथ तुम्हारा बच्चा भी उठ जाएगा तभी उस औरत ने जवाब दे गौसे आजम ने कहा सब बच्चे मर जाओ तभी उस औरत ने अपने बच्चे को बच्चों के साथ लेटा दिया था अभी तब उसने थोड़ी देर बाद सभी बच्चों से कहा सब बच्चे उठ जाओ तो सब बच्चे उठ गया और जो जो उस औरत का मरा हुआ बच्चा था वह बच्चा नहीं उठाता भी हां देते गौसे आजम की नजर उस बच्चे पर पड़ी और उसके पास जाकर उसके पैरों पर ठोकर मारी और कहां अरे सभी बच्चे खेल में तू क्यों सोया हुआ है तू तो लगता है ओरिजिनल मुर्दा है तभी उस उस बच्चे के पैर में दो बार ठोकर मारी और कहां तुम भी उठ जाओ तो बच्चा भी उठ जाता है और बच्चों के साथ खेलने लगता है तब वह औरत को खुश हो जाती है यह है हजरत ए गौसे आजम की शान हजरत गौसे आजम का बचपन का वाकया बेहतरीन मरे हुए बच्चे को जिंदा कर देते हैं
गौसे आजम के बचपन के बचपन का वाकया  हजरत ए गौसे आजम अपने बगीचे में खेल रहे थे हजरत उस्मान भी खेल रहे थे उनके साथ और भी बच्चे खेल रहे थे तभी एक उसी इलाके की एक औरत औरत रोती हुई जिधर खेल रहे थे उधर  आ रही थी अभी तक उस्मान ने उस और उससे पूछा तुम क्यों रो रही हो औरत कहती है कि मेरे बच्चे का इंतकाल हो गया मैं मैंने मैंने सुन सुना की है उसे अब्दुल कादिर जिलानी मरे हुए मुर्दे को जिंदा कर देते हैं तो हमने सोचा कि मेरे बच्चे को भी जिंदा कर देंगे तभी हम उनके पास जा रही हूं हजरत ए उस्मान ने कहा उस औरत से हजरत ए अब्दुल कादिर जिलानी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि देखो वह बच्चे जो खेल रहे हैं उनके साथी वह बच्चा भी खेल रहा है  जब  वह बच्चा कहेगा सब बच्चे मर जाऊं तो सभी बच्चे मर जाएंगे और जब कहते हैं सब अच्छे उठ जाओ तो सब बच्चे उठ जाते  जाकर उसी के पास अपने बच्चे को वहीं पर लिटा देना  और जब वह कहेंगे सब बच्चे मर  जाओ तो  तो तभी उनके पास बच्चों के साथ अपने बच्चों को भी लेटा देना जब वह कहेंगे सब लोग उठ जाओ तो उन बच्चों के साथ तुम्हारा बच्चा भी उठ जाएगा तभी उस औरत ने जवाब दे गौसे आजम ने कहा सब बच्चे मर जाओ तभी उस औरत ने अपने बच्चे को बच्चों के साथ लेटा दिया था अभी तब उसने थोड़ी देर बाद सभी बच्चों से कहा सब बच्चे उठ जाओ तो सब बच्चे उठ गया और जो जो उस औरत का मरा हुआ बच्चा था वह बच्चा नहीं उठाता भी हां देते गौसे आजम की नजर उस बच्चे पर पड़ी और उसके पास जाकर उसके पैरों पर ठोकर मारी और कहां अरे सभी बच्चे खेल में तू क्यों सोया हुआ है तू तो लगता है ओरिजिनल मुर्दा है तभी उस उस बच्चे के पैर में दो बार ठोकर मारी और कहां तुम भी उठ जाओ तो बच्चा भी उठ जाता है और बच्चों के साथ खेलने लगता है तब वह औरत को खुश हो जाती है यह है हजरत ए गौसे आजम की शान हजरत गौसे आजम का बचपन का वाकया बेहतरीन मरे हुए बच्चे को जिंदा कर देते हैं