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किसी के आंसू पोछ न सके , इंसान फिर किस हक से सजदा

किसी के आंसू पोछ न सके ,
इंसान फिर किस हक से सजदा करता है।
उस रब ने बनाया है सबको,
और सबमें वो ईश्वर ही बसता है।

©Ritu shrivastava #save_huminity
किसी के आंसू पोछ न सके ,
इंसान फिर किस हक से सजदा करता है।
उस रब ने बनाया है सबको,
और सबमें वो ईश्वर ही बसता है।

©Ritu shrivastava #save_huminity