कभी-कभी जागकर भी सोया रहता हूं अपने ही ख्यालों में खोया रहता हूं सोचता हूं कि अगर यह समा ना होता तो क्या होता खाने को रोटी ना होती है पहनने को कपड़ा ना होता तो क्या होता ना मा खाना बनाती ना प्यार से मुझे खिलाती ना दुनिया के रिश्तो की महत्वता समझाती ना मैं बड़ा होता तो क्या होता बस इंसान हंसता कभी ना रोता तो क्या होता ना कमाने की चिंता होती ना दुनिया में हिंसा होती बस हर तरफ प्यार का तराना सब से मिलने का नया बहाना अगर ना यह पैसा होता तो इंसान कैसा होता करमजीत की कलम का प्यार होता हर तरफ अच्छा व्यवहार होता एक पल के लिए सोचो खुद के लिए नहीं दूसरों के लिए कुछ नया खोजो कुछ देश का हर बच्चा होता हर इंसान सच्चा होता तो इंसान ऐसा होता तो इंसान है ऐसा होता ©Karamjeet Sigh Paonta Sahib तो इंसान कैसा होता करम की कलम #pyaar_mohabbat #pyaar #ishq #duniya #insaan #poetry #kavita #newkavita #poem #roseday