राजनीति में अक्सर तिगड़म काम कर जाती है तिगड़म की राजनीति करते करते हुए व्यक्ति ने बड़े मुकाम हासिल की तिकड़म की राजनीति कई बार कैसी चोट दे जाती है इसका ताजा उदाहरण हरि सिंह रावत पिछले काफी समय से भाजपा संगठन व सरकार का राजनीतिक भवन कर रहे हरक सिंह रावत ने भाजपा से मुक्ति पाहिली पहले निर्णय लिया होता तो पार्टी अनुशासन के नंबर पर दे लेकिन पानी सिर तक आने के बाद ही कार्रवाई तो मजबूरी ही की जाएगी हां यह जरूरी है कि भाजपा ने हरक सिंह की रणनीति पर काफी हद तक पानी फेर दिया भाजपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री कांग्रेस में जाने का भाजपा का जोरदार झटका देने की रणनीति को रद्द कर दिया इसी कार्रवाई के कारण ही हरीश रावत की स्थिति में आए आंखों में आंसू है वह जुबान पर कांग्रेसी जाने वाले हरीश रावत ने से एक बार माफ़ी मांगने को तैयार हैं उनके आंसू दृष्टि से से ही देते समझते हैं वह अच्छी तरह जानते हैं कि अब कहां और कितना रोना है वह कितना समर्पण कहां और किस कीमत पर झुकना है भाजपा से बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद उनके लिए उनकी शर्त के साथ कांग्रेसमें जाना कुछ मुश्किल हो तो हुआ है लेकिन प्रदेश कांग्रेस की प्रथम पंक्ति में खुद के लिए जगह बनाना उनके लिए कोई मुश्किल नहीं है इस कहानी का एक और पहलू भी है हरक सिंह के कांग्रेसी प्रेम के बाद कांग्रेसमें होने वाले घमासान व उनके अर्थ को समझकर कांग्रेसका विषय अंकित लगे हैं उत्तराखंड में कांग्रेस का मुख्यमंत्री का गोश्त चेहरा हरि सिंह रावत का हर एक से पुराना बैर है ©Ek villain # दिल जीतना चुनाव जीतने से कठिन #jail