एक अदद सा ख्वाब हूं, एक छोटी सी मुलाकात हूं, ना शब्द हूं ना लफ़्ज़ हूं, सिर्फ एक एहसास हूं, किसी डाल पर बैठा परिंदा हूं, या हवा संग उड़ता कोई पत्ता, किसी नदी में बहती बूंद हूं, या झील में ठहरा कोई पत्थर, एक अदद सा ख्वाब हूं, या सिर्फ एक अहसास हूं, मैं खुद मे उलझा हूं, या वक्त में कहीं ठहरा हूं, मैं सूरज की रोशनी का हिस्सा हूं, या मिट्टी में बिखरी धूल हूं, मैं ख्वाहिशों का पुलिंदा हूं, या हकीकत की परछाई हूं, मैं कोई शब्द हूं, या कोई किताब हूं, कौन हूं मैं? एक अदद सा ख्वाब हूं, या सिर्फ एहसास हूं || ©parijat #WoRaat#kon#hun#mai