"दोस्त कहाँ रहते हो तुम..." दोस्त कहाँ रहते हो तुम वही मोहल्ले की गलियों में या फिर और कहीं बसे हो अब चढ़ना-उतरना उसी दरख़्त पर या फिर और ऊँचाईयोँ को छू रहे हो अब वही डाँटना-डपटना चल रहा अभी या फिर बड़प्पन में बड़े बने हो अब हँसना-खिलखिलाना चल रहा वही या फिर ज़िंदगी से संजीदा हो चले हो अब याद हूँ मैं अभी तक तुम्हें या फिर बचपन-सा अलविदा कह चुके हो अब दोस्त कहाँ रहते हो अब दिल में ही या दिमाग में लोगों के रहने लगे हो अब...! Muनेश...Meरी🌺 मेरे दोस्त कहाँ रहते हो तुम, आजकल। #कहाँरहतेहो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi