चलो वह दौर फिर से दोहराया जाए, एक बार फिर से अनजान बन जाया जाए, फिर मिलेंगे किसी मोड़ पर अजनबी की तरह एक दूसरे की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया जाए, तुझे पाने के लिए जो किया था पहले उस काम को मुकम्मल फिर से दोहराया जाए, इस बार ना साथ छोड़ेंगे तुम्हारा ,घबराओ मत बेवफा हम हैं एक बार उस बात को भूल जाया जाए, मोहब्बत है ना हमसे एक बार फिर से वो ढ़ाई अक्षर साथ में दोहराया जाए, अब लौट आओ गला बैठ गया है हमसे ना तुम्हे अब और पुकारा जाए।। ©Mauryavanshi Veer #Veeer #Mauryavanshi #A #fourlinepoetry