Forgive & Forget भाग 2 पिता वो थका हुआ तो है बहुत , पर मुझे हरपल आराम दिया । खुद जहर का घूँट पीकर, मुझे खुशी का जाम दिया ।। मेरे स्कूल की फीस खातिर, खुद के सपनों को दबाया । खुद सदा भूखा रह रह कर , पहले मुझको ही खिलाया ।। प्रशान्त जैन पिता का समर्पण