हाँ जीत के देखा अपने भी जलते है, हार के बाद आसमानो में उछलते है। रास्तो के पत्थरों सा कभी,कभी आग सा जलते है, पैसे और नाम से अपने भी बदलते है।। रिश्तो से बांधकर हमे वो खुद आगे चलते है, कहते है तुम हार गए,और खुदको सर्वोत्तर समझते है।। लेकिन हमने भी कह दिया उनसे कि, पत्थरो को तोड़कर हम शोलो पर चले है।। इन धागों से क्या बाँधोगे हमे, हम उन धागों को पकड़कर उड़ने को खड़े है। अरे मुड़ के देखो एक बार पीछे भी, हम तो तुमसे भी आगे दौड़ने को खड़े है।। हम जीतने को खड़े है।। #हिंदी #हिंदी_कविता #munasif_e_mirza #munasif_life #sucessstories #motivation #yqquotes