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तिरंगे से लिपटकर सुकून मिलता हैं या तिरंगे में लिप

तिरंगे से लिपटकर सुकून मिलता हैं या तिरंगे में लिपटकर सुकून होता हैं, मिट्टी को हम यहां चूमते हैं वहां मिट्टी में सना उनका ख़ून होता हैं।देश की हिफाज़त करने वाले हर मौसम में खड़े रहते हैं सीमा पर,यहां बरसात का मौसम अगस्त औऱ गर्मी का महीना मई औऱ जून होता हैं।।सरहद पर तैनात हर कौम हर जाति का सिपाही हैं मग़र देश के अंदर जाति-धर्म का खेल अंधाधुंध होता हैं।।। Ritu Pranshi Singh
तिरंगे से लिपटकर सुकून मिलता हैं या तिरंगे में लिपटकर सुकून होता हैं, मिट्टी को हम यहां चूमते हैं वहां मिट्टी में सना उनका ख़ून होता हैं।देश की हिफाज़त करने वाले हर मौसम में खड़े रहते हैं सीमा पर,यहां बरसात का मौसम अगस्त औऱ गर्मी का महीना मई औऱ जून होता हैं।।सरहद पर तैनात हर कौम हर जाति का सिपाही हैं मग़र देश के अंदर जाति-धर्म का खेल अंधाधुंध होता हैं।।। Ritu Pranshi Singh