भूलकर भी कभी मत भूलना सांप अगर अपने सपनों में दुश्मन नहीं भूलता औरत के दिल तक पहुंचकर दिल में उतरना आसान नहीं होता अगर उतर जाएं कोई तो फिर संभलना और लौटने का रास्ता नाकाम सा ही होता विश्वास अगर आहार होता तो सब खा कर डकार ही मार कर हाजमा सबका ठीक ही होता संस्कार और नेकी कहलाती ये कर्मं हमारे और ज़िन्दगी को मुकम्मल अपने उसूलो से इंसानियत की ज़ुबानी में कुछ नेकनामी कर याद रहना जरूंरी होता एक ख़ूबसूरत #collab Aesthetic Thoughts की ओर से। #भूलकर #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi भूलकर भी कभी मत भूलना सांप अगर अपने सपनों में दुश्मन नहीं भूलता औरत के दिल तक पहुंचकर दिल में उतरना आसान नहीं होता