कशमकश जुस्तजू में बीती जा रही है ज़िन्दगी ये यूँ ही काटी जा रही है हर तरफ़ गर्द है धुँधली तस्वीर हुए जा रही है दिल के कोने में एक आह सी हुए जा रही है वाबस्तगी है उससे वो बेवफ़ा हुए जा रही है नम आँखे है वो अश्कों में बहे जा रही है तलबगार है हम उसकी चाहत के वो बेपनाह मोहबब्त किए जा रही है चर्ख़ गहरा रहा है ये बारिश क्यों हुए जा रही है 'सफऱ' थम क्यों नहीं रहा रात होने को आ रही है चर्ख़- आसमान वाबस्तगी- नाता तलबगार- मांगने वाला #yqbaba #yqdidi #yqtales #shayari #urdu #urdushayari #yqbhaijan #philosophy Madhu Jhunjhunwala Anjali Jain Sarita Gaba Bathla Taaj Mirza Dr.Rajnish Kumar