आंखो की तलाश समज नही आति जैसे हर मन्जर से इनका वास्ता हो क्या हे तलब इनकी समज नही आति आखिर कही तो इनका रास्ता हो हे मासूम सि दिखती दोनो कमाल दिखाती ख्वाब ओर हकीकत दोनो अपार ऐ खूदा तु ही बता क्या हे इनका राज आंखीर हे कीस वजूद की इनको तलाश ।।। आंख