1 गगन चली, आंधी के तपेड़ों में, उलझ गयी, 2 छुपाती फिरी, जो जख्मों को सबसे, गुज़र गयी, 3 पहर ढली इस बार थी यूँ कि कहर ढली, #हाइकू हाइकू विधा में लिखने का एक प्रयास #nojoto #nojotohindi #nojotoenglish #nojotonews