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दुख की चिन्ता क्या करें दुख तो अपना साथी है के जिन

दुख की चिन्ता क्या करें दुख तो अपना साथी है
के जिन्दगी के सफ़र में गम धूप है राहों की, तो खुशियां छांव है आती जाती है
छांव में कब तक रुकोगे वो तो ढल ही जायेगा
रेत सी जिन्दगी हाथों में कहां ठहरने वाला है फिसल ही जायेगा

की चलते रहो सफ़र में कहीं धूप तो कहीं छांव मिलेंगे
कहीं काटों से भरे राह मिलेंगे तो कहीं फूल खिलेंगे
जिन्दगी के किसी पड़ाव में कहीं ख़ुद को अकेला पाओगे
तो कहीं सारी दुनिया साथ नज़र आयेगी
तुम बस चलते रहो ये जिन्दगी मेरे यारा हर रंग दिखाएगी
          
                                                                          Nikhil ✍️ #i_am_back #Jindagi #nik_shayari
दुख की चिन्ता क्या करें दुख तो अपना साथी है
के जिन्दगी के सफ़र में गम धूप है राहों की, तो खुशियां छांव है आती जाती है
छांव में कब तक रुकोगे वो तो ढल ही जायेगा
रेत सी जिन्दगी हाथों में कहां ठहरने वाला है फिसल ही जायेगा

की चलते रहो सफ़र में कहीं धूप तो कहीं छांव मिलेंगे
कहीं काटों से भरे राह मिलेंगे तो कहीं फूल खिलेंगे
जिन्दगी के किसी पड़ाव में कहीं ख़ुद को अकेला पाओगे
तो कहीं सारी दुनिया साथ नज़र आयेगी
तुम बस चलते रहो ये जिन्दगी मेरे यारा हर रंग दिखाएगी
          
                                                                          Nikhil ✍️ #i_am_back #Jindagi #nik_shayari