गली-मोहल्लों में घूमनें की कैसी नादानी थी ठंडी हवाएं दिन भर चलती वो बड़ी सुहानी थी गलियों से गुजरते लोगों की एक अलग कहानी थी कड़ी धूप में दादी की वो फटकार लगती बड़ी मस्तानी थी बचपन बित्या एक दशक हुयो, मन थारी घणी याद आवें😘 लोग भी हांसता हांसता चला ग्या, या नई उपज मन न भाव.🌷 #बचपन_के_वो_दिन #बचपनकीयादें #बचपन_की_नादानी #बचपन_बहुत_याद_आता_हैं