तुझे देखूं तो यूं आराम हो जाए जैसे भरी दोपहरी मे भी शाम हो जाए और मुस्कुराता जो तू हौले से गंगा का पानी भी छलक, मेरी बाहों मे समा जाएं ये काजल भी खुश है तेरी आंखों का नूर बनकर खिल-खिलाता है, मुस्कुराता है, फ़ितूर बनकर और जुगनू सा शर्माता, तारों सा टिमटिमाता खुशनसीब है तेरे माथे का टीका, जो है अपनी शोभा बढ़ाता ©✍️नज़्म@bhi❤️ नज़्म_की_बात_@bhi_के_साथ अभी_की_बात_@bhi_के_साथ ❤️❤️❤️❤️❤️❤️ मेरा गज्जू मेरा घोंचू मेरा गजोधर ❤️🤗😍🥰