उनके एहसानों का मैने आज कुछ यूँ बदला चुकाया हैं, ज़िन्दगी देने वाले को ही वृद्धाश्रम का रस्ता दिखाया है। मेरे ही अंश ने आज मुझे भी वो ही दरवाज़ा दिखलाया है, ये भयानक सपना मुझे, हक़ीक़त के धरातल पे ले आया है। उन्हे ता-उम्र कोसता रहा, जिन्होने मुझे चलना सिखाया है, नासमझ मैं, ना समझ सका, उनके बिना सब ज़ाया है। कभी भी मुझसे कुछ माँगा नहीं, हमेशा देता ही आया है, वो माँ-बाप कोई और नहीं, धरती पे ईश्वर का ही साया है। कहते हैं की माँ बाप की कीमत उनके ना होने पर ही होती है। कभी जा के पुछो उस अनाथ से जो तरसता है परिवार के सुख के लिए, माँ बाप के स्नेह और प्यार के लिए। जो हैं तुम्हारे पास ये धन, इसकी इज़्ज़त करो, कल को अगर तुमसे ये छीन गया तो तुमसे ज्यादा गरीब इस दुनिया में कोई ना होगा। और हाँ एक बात याद रखना, जो तुमने अपने माँ बाप के साथ गलत किया, तो भविष्य में तुम भी माँ बाप बनोगे और ऊपरवाला इन्साफ़ बखूबी करता है। जैसा बीज़ बोओगे फल तो वैसा ही मिलेगा। इतना मत सोचो, इज़्ज़त करो माँ बाप की। लाठी बनो उनकी। नीँव मज़बूत रखोगे, तो घरोंदा बेहतर बनेगा। आज भी और आने वाले कल में भी। आपका अपना, अंजान 'इकराश़' Anjula Di.. this one is for You and because of You.. Many Thanks for this..