महीनों गुजर गए उगते हुए सूरज को देखे,जिसे गांव में हर रोज देखते थे। शहर की भीड़ में खो सा गया है वो,जिसकी पहली किरण से ही पक्षी चहकते थे।। Missing Old Days, Shayri from My Diary...