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कभी शाम होने के बाद, मेरे दिल मे आकर देखना... ख़या

कभी शाम होने के बाद,
मेरे दिल मे आकर देखना...
ख़यालो कि महफ़िल  होती है
और ज़िक्र सिर्फ़ तुम्हारा होता है....


                                        -Mr.Sufyan #Khayal#Shayri
कभी शाम होने के बाद,
मेरे दिल मे आकर देखना...
ख़यालो कि महफ़िल  होती है
और ज़िक्र सिर्फ़ तुम्हारा होता है....


                                        -Mr.Sufyan #Khayal#Shayri