जब किसी को सोचते हैं फिर एक ख्याल आता है जिसे उतार दिया जाता है कागज पर। जब कोई पढ़ता है उस ख्याल को। वो ख्याल छा जाता हैं उसके दिल में। एक एहसास बन कर। वो एहसास जोड़ देता है उसे। उस शख्स की कल्पना से। और कही ना कही। वो एक एक लब्ज़ मानो उसे ही सोच कर लिखे गए हो। जो लब्ज़ जो बोले ना जा सके हो। समझे ना जा सके हो। वही लब्ज़ एक जरिया बन जोड़ देते हैं दोनो को। जो कभी मिले ना। कभी बात ना हुई है। बस एक एहसास एक ख्याल है। जो जोड़ो हुए दो अजनबियों को। ना कोई आस ना कोई उम्मीद। फिर भी कभी न खत्म। होने वाला इंतजार। #अनुराज ©Anuraag Bhardwaj #MoonShayari