अब ना मुझको तुम्हारी संगत मिलेगी ।। तुम हौसला थे मेरा अब ना हिम्मत मिलेगी तजुर्बे तुम्हारे बोहत काम आए मेरे लेकिन अब न तुमसे कोई नसीहत मिलेगी ।। तुमको खुदा ने एक अकेला बनाया था दूसरी न ऐसी कोई शख्सियत मिलेगी ।। अब तो बस ख्वाब में दीदार होंगे तुम्हारे होंगे जो बेदार हम हकीकत मिलेगी । वो साथ गुजारे पल ना आएंगे अब वापस हम मुन्तजिर हैं पर तुमको ना फुरसत मिलेगी ।। हो खुदा के करीब तो इजाज़त ले के आ जाओ सुनाऊं गमे फुरकत तुम्हे जो मोहलत मिलेगी वो रिश्तों के धागों से बढ़ के नियामत था आरजू अब ना ज़िन्दगी में ये दौलत मिलेगी ।। खुदा नाजिल करे तुम पर बेशुमार रेहमतें मुझे यकीन है बेशक तुम्हे जन्नत मिलेगी ।। Dedicate to my Grandfather 😥😢 unka 2017 me intekal hua, wo bht ache shayar the, or mujhe jo b thoda bohat sher-o-Shayri aati hai bas unki sikhayi hui hai... अब ना मुझको तुम्हारी संगत मिलेगी ।। तुम हौसला थे मेरा अब ना हिम्मत मिलेगी तजुर्बे तुम्हारे बोहत काम आए मेरे लेकिन अब न तुमसे कोई नसीहत मिलेगी ।। तुमको खुदा ने एक अकेला बनाया था दूसरी न ऐसी कोई शख्सियत मिलेगी ।।