Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्यो पूजते राधेकृष्णा जब समझ न पाते प्रेम की तृष्

क्यो पूजते राधेकृष्णा 
जब समझ न पाते प्रेम की तृष्णा 
है सबको ममता की एषणा 
फिर क्यो करते इससे घृणा 
ना समझते प्रेम निस्वार्थ 
मचाते बस शोर व्यर्थ 
जान जाते जो तुम अर्थ 
हो जाते सिद्ध सारे पुरुषार्थ 
पर करते शंका हर वक्त 
करे कोई प्रेम को व्यक्त 
तो बहाते हो बस रक्त 
फिर भी रहते सब प्रेम मे आशक्त।  credit: google
#राधाकृष्ण_के_पवित्र_प्रेम_को_नमन 
#प्रेम_पर_चिंतन
क्यो पूजते राधेकृष्णा 
जब समझ न पाते प्रेम की तृष्णा 
है सबको ममता की एषणा 
फिर क्यो करते इससे घृणा 
ना समझते प्रेम निस्वार्थ 
मचाते बस शोर व्यर्थ 
जान जाते जो तुम अर्थ 
हो जाते सिद्ध सारे पुरुषार्थ 
पर करते शंका हर वक्त 
करे कोई प्रेम को व्यक्त 
तो बहाते हो बस रक्त 
फिर भी रहते सब प्रेम मे आशक्त।  credit: google
#राधाकृष्ण_के_पवित्र_प्रेम_को_नमन 
#प्रेम_पर_चिंतन