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भारतीय राजनैतिक परिदृश्य की धारा बदलने वाला रंगचिन

भारतीय राजनैतिक परिदृश्य की धारा बदलने वाला रंगचिन्तक मंजुल भारद्वाज के नाटक “राजगति” का अंश!
1. देखिये भूमंडलीकरण का ‘विकास’ कैसे लील गया भारत की आत्मा किसान और किसानी को!
2. देखिये जात,पात,धर्म में बंटकर हमने विकारियों को सत्ता पर बैठा कर ‘लोकतंत्र को भीड़तंत्र’ बना लिया !
3. देखिये कैसे पूंजीपतियों की दलाल बहुमत की धर्मांध सत्ता ने सारेकिसान की तबाही तीन काले कानूनों से तय कर दी
4. जागो और प्रतिरोध करो,किसानों का साथ दो !
5. राजनीति गन्दी नहीं है. ‘हम भारत के लोग’ अपनी राजनैतिक भूमिका का निर्वहन करें. अन्याय का प्रतिरोध करें !

#नाटकराजगति #किसानआन्दोलनज़िंदाबाद #थिएटरऑफ़रेलेवंस #मंजुलभारद्वाज

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10225734599291066&id=1213249287

©MANJEET SINGH THAKRAL भारतीय राजनैतिक परिदृश्य की धारा बदलने वाला रंगचिन्तक मंजुल भारद्वाज के नाटक “राजगति” का अंश!
1. देखिये भूमंडलीकरण का ‘विकास’ कैसे लील गया भारत की आत्मा किसान और किसानी को!
2. देखिये जात,पात,धर्म में बंटकर हमने विकारियों को सत्ता पर बैठा कर ‘लोकतंत्र को भीड़तंत्र’ बना लिया !
3. देखिये कैसे पूंजीपतियों की दलाल बहुमत की धर्मांध सत्ता ने सारेकिसान की तबाही तीन काले कानूनों से तय कर दी
4. जागो और प्रतिरोध करो,किसानों का साथ दो !
5. राजनीति गन्दी नहीं है. ‘हम भारत के लोग’ अपनी राजनैतिक भूमिका का निर्वहन करें. अन्याय का प्रतिरोध करें !

#नाटकराजगति #किसानआन्दोलनज़िंदाबाद #थिएटरऑफ़रेलेवंस #मंजुलभारद्वाज
भारतीय राजनैतिक परिदृश्य की धारा बदलने वाला रंगचिन्तक मंजुल भारद्वाज के नाटक “राजगति” का अंश!
1. देखिये भूमंडलीकरण का ‘विकास’ कैसे लील गया भारत की आत्मा किसान और किसानी को!
2. देखिये जात,पात,धर्म में बंटकर हमने विकारियों को सत्ता पर बैठा कर ‘लोकतंत्र को भीड़तंत्र’ बना लिया !
3. देखिये कैसे पूंजीपतियों की दलाल बहुमत की धर्मांध सत्ता ने सारेकिसान की तबाही तीन काले कानूनों से तय कर दी
4. जागो और प्रतिरोध करो,किसानों का साथ दो !
5. राजनीति गन्दी नहीं है. ‘हम भारत के लोग’ अपनी राजनैतिक भूमिका का निर्वहन करें. अन्याय का प्रतिरोध करें !

#नाटकराजगति #किसानआन्दोलनज़िंदाबाद #थिएटरऑफ़रेलेवंस #मंजुलभारद्वाज

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©MANJEET SINGH THAKRAL भारतीय राजनैतिक परिदृश्य की धारा बदलने वाला रंगचिन्तक मंजुल भारद्वाज के नाटक “राजगति” का अंश!
1. देखिये भूमंडलीकरण का ‘विकास’ कैसे लील गया भारत की आत्मा किसान और किसानी को!
2. देखिये जात,पात,धर्म में बंटकर हमने विकारियों को सत्ता पर बैठा कर ‘लोकतंत्र को भीड़तंत्र’ बना लिया !
3. देखिये कैसे पूंजीपतियों की दलाल बहुमत की धर्मांध सत्ता ने सारेकिसान की तबाही तीन काले कानूनों से तय कर दी
4. जागो और प्रतिरोध करो,किसानों का साथ दो !
5. राजनीति गन्दी नहीं है. ‘हम भारत के लोग’ अपनी राजनैतिक भूमिका का निर्वहन करें. अन्याय का प्रतिरोध करें !

#नाटकराजगति #किसानआन्दोलनज़िंदाबाद #थिएटरऑफ़रेलेवंस #मंजुलभारद्वाज